उड़ान - आकाश मिश्रा
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उड़ान अभी बाक़ी है जहांन अभी बाक़ी है
ख़्वाब अभी बाक़ी है आसमान अभी बाक़ी है
ज़ंजीरे हैं अनगिनत, जकड़ ले जितनी है तेरी हस्ती
कर कोशिशें ले आ तूफ़ान, ना डूबेगी मेरी कश्ती
फ़ासले हैं सामने बहुत मगर छलाँग अभी बाक़ी है
उड़ान अभी बाक़ी है जहान अभी बाक़ी है
-आकाश मिश्रा
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