सूरज पिघला के सोना करने का हुनर जानते हैं
सैलाबों को चीर समंदर को भरने का हुनर जानते हैं
सैलाबों को चीर समंदर को भरने का हुनर जानते हैं
जागते हुए सारी उम्र काटने का हुनर जानते हैं
मौत से क्या ज़िंदगी से भी डरने का हुनर जानते हैं
मौत से क्या ज़िंदगी से भी डरने का हुनर जानते हैं
तुम्हारी इक हँसी को मुक्कमल करने की ख़ातिर
तुमपर सौ बार मरके फिर मरने का हुनर जानते हैं
तुमपर सौ बार मरके फिर मरने का हुनर जानते हैं
-आकाश मिश्रा
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