ख़ुशबू - आकाश मिश्रा
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एक बूँद गिरा दे ख़ुशबू कि, महका दे मेरा मन
सूना था मेरा दिल, बंजर था ये जीवन
सोम्य तेरे उस छूने भर से चहक पड़ी तन्हाई
हाए रे अब कहीं मार ना डाले मुझे ये तेरी जुदाई
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एक बूँद गिरा दे ख़ुशबू कि, महका दे मेरा मन
सूना था मेरा दिल, बंजर था ये जीवन
सोम्य तेरे उस छूने भर से चहक पड़ी तन्हाई
हाए रे अब कहीं मार ना डाले मुझे ये तेरी जुदाई
तारे तितली चिड़िया फूल लगने लगे हैं अच्छे
सारे मीठे प्यारे सपने लगने लगे हैं सच्चे
एक लफ़्ज़ तू रख होंटो पे जो बन जाए संगीत
बेढंगा ये कल्पित भी गाये नित नये सुरीले गीत
सारे मीठे प्यारे सपने लगने लगे हैं सच्चे
एक लफ़्ज़ तू रख होंटो पे जो बन जाए संगीत
बेढंगा ये कल्पित भी गाये नित नये सुरीले गीत
कथा कहानी उपवन घर का संगम हुआ जस पूरा
तुझ बिन प्रिये जीवन सार था अब तक बस अधूरा
राधा संग ज्यों नाचें कान्हा बन मोहित दीवाना
प्रेम का धागा पक्का है जो कब तक था अनजाना
-आकाश मिश्रा
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तुझ बिन प्रिये जीवन सार था अब तक बस अधूरा
राधा संग ज्यों नाचें कान्हा बन मोहित दीवाना
प्रेम का धागा पक्का है जो कब तक था अनजाना
-आकाश मिश्रा
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