Saturday, March 31, 2018

शहादत - आकाश मिश्रा #poetakash #shaheed #shahadat #akash

हाल ही में जो आतंकी हमले सेना पर हुए और हमारे सैनिक शहीद हुए उसी से क्रोधित एक शहीद की बेवा द्वारा कहे शब्दों को आकाश मिश्रा की क़लम से कुछ पंक्तियाँ:
शहादत - आकाश मिश्रा #poetakash #shaheed #shahadat #akash
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कल ही तुमसे मिलन हुआ था फिर आज कहाँ को खो गए तुम
कितनो को तुमने द्रवित किया और गहरी नींद मे सो गए तुम
रुद्र रूप धर तुमने कितने राक्षसो को हर डाला
कायर छिपे भेड़ियों ने जाने ये कैसे कर डाला
गीदड़ सारे मिले और एक सिंह से जा लिपटे
दहाड़ तुम्हारी सुन सोचे इन शेरो से कैसे निबटे
फिर वो छिपे रात में , हर इक कायर दूजे के साथ हुआ
जब सिंह हमारे सो रहे थे तब चुपके से उनपर घात किया
दिखा दिया की सोते शेर भी सौ कुत्तों से भारी होते हैं
मार गिराया उन सबको अब हम गहरी नींद में सोते हैं
तुमने कर्तव्य निभाया और दुश्मनो को दूर किया
ना छोड़ना भारत तुम उनको जिसने मेरा सिंदूर लिया
उस शासक की अब नींद खुले जो शांति का पाठ पढ़ाते हैं
ख़ुद तो कुछ कर नहीं सकते सेना का मज़ाक़ उड़ाते हैं
उनको भी औक़ात दिखा दो और ज़मीन पर ला धर दो तुम
ईमान तो पहले खोकर बैठे वो अब नाम तक उनका कर दो गुम
जीवन तो मेरा शून्य हुआ अब कैसे इसको मैं काटूँगी
ग़लती ख़ुद करके बतलाओ अब किसको मैं डाँटूगी
मृत्यु शैया को गले लगा के कितने जीवन जी गए तुम
काटा दिन को पहले और इसे अनंत रात से सी गए तुम
कल ही तुमसे मिलन हुआ था फिर आज कहाँ को खो गए तुम
कितनो को तुमने द्रवित किया और गहरी नींद मे सो गए तुम
-आकाश मिश्रा

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